NTA-NET (UGC-NET) Psychology in Hindi(04) Emergence of Psychology-Psychological Thought in Some Major Eastern System Study Material (Page 1 of 2)

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भगवद गीता में मनोवैज्ञानिक चिंतन Psychological Thought in Bhagavad Gita

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भगवद गीता हिंदु धर्म ग्रंथ महाभारत का एक भाग है। मूल रूप से भागवद गीता दो लोगों भगवान श्री कृष्ण तथा पाण्डु पुत्र अर्जुन के मध्य का संवाद है। ऐसा माना जाता है कि यह संवाद 45 मिनट का हआ था। इस संवाद की स्थिति उस समय उत्पन्न होती है जब यह भूमि में अर्जुन अपने चारों तरफ बन्धु बान्धव, गुरुजनो मित्रों को देखते है, तब उन्हें यह विवाद उत्पन्न होता है कि मैं अपने ही गुरुजनों मित्रों संबंधियों पर प्रहार करू। उनके मन में घोर विषाद की स्थिति उत्पन्न होती है। ऐसी परिस्थिति में भगवान श्री कृष्ण जो अर्जुन के रथ के सार्थी थे उन्हे घोर विषाद की स्थिति से बाहर निकालने का प…

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(Buddhism in Bychological Thought) बौद्ध धर्म में मनोवैज्ञानिक चिंतन

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बौद्ध धर्म में मनोवैज्ञानिक चिंतन से अभिप्राय है कि किस प्रकार गौतम बुद्ध के विचार उपदेश सिद्धांत मनोविज्ञान में समावेशित है। उनके उपदेश किस प्रकार हमें आत्म ज्ञान के बारे में सही राह दिखाते हैं। अपने निर्णयों कार्ये विचारों भावनाओं को सही दिशा देने में हमारी सहायता करते है। बौद्ध धर्म के जो भी रूप व्यवहार, दुर्ग अपनाएं गए …

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