NTA-NET (UGC-NET) Music (16) Applied Theory-Detailed and Critical Study of Ragas Study Material (Page 9 of 52)
Choose Programs:
🎓 Study Material (217 Notes): 2024-2025 Syllabus
Rs. 400.00 -OR-
3 Year Validity (Multiple Devices)
Topic-wise Notes & SampleDetails
🎯 1220 MCQs (& PYQs) with Full Explanations (2024-2025 Exam)
Rs. 450.00 -OR-
3 Year Validity (Multiple Devices)
CoverageDetailsSample Explanation
Help me Choose & Register (Watch Video) Already Subscribed?
Patdeep
Edit
- स्वर आरोह में रिषभ व धैवत वर्ज्य। गंधार कोमल। शेष शुद्ध स्वर। जाति औढव - सम्पूर्ण
- थाट काफी। वादी/संवादी पंचम/षड्ज। समय दिन का तृतीय प्रहर। विश्रांति स्थान ग१; प; नि; – ध; प; रे; । मुख्य अंग ग१ म प नि सा′ ध प; म ग१ म प नि नि नि सा′; ध प म ग१ म प; प ग१ म; ग१ रे सा , नि , नि सा; ।आरोह-अवरोह , नि सा ग१ म प नि सा′ - सा′ नि ध प म ग१ रे सा , नि सा; ।विशेष - राग भीमपलासी में शुद्ध निषाद का प्रयोग करने पर राग पटदीप सामने आता है। राग भीमपलासी में वादी स्वर मध्यम है जबकि राग पटदीप का वादी स्वर पंचम है। राग पटदीप में पंचम-गंधार की संगती ली जाती है। इसमें शुद्ध निषाद प्रभावशाली है। ता…
… (1087 more words) …
Subscribe (by clicking here) to view full notes and track progress.
Hamir
Edit
- स्वर आरोह में रिषभ व पंचम वर्ज्य। मध्यम दोनों। शेष शुद्ध स्वर। जाति औढव - सम्पूर्ण वक्र
- थाट कल्याण। वादी/संवादी धैवत/गंधार। समय रात्रि का दूसरा प्रहर। विश्रांति स्थान सा; ध; सा ‘; - सा’ ; ध; प; रे; । मुख्य अंग प; ग म नि ध; ध प; ग म प ग म रे सा; । आर…
… (1677 more words) …
Subscribe (by clicking here) to view full notes and track progress.