NTA-NET (UGC-NET) Hindi (20) हिन्दी साहित्य का इतिहास (History of Hindi Literature)-आदिकाल (Beginning Era) Study Material (Page 14 of 19)

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आदिकाल में विद्यापति

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विद्यापति-संस्कृत में गीतगोविंद के के रचनाकार जयदेव का जो स्थान है वही स्थान विद्यापति का हिन्दी में है। विद्यापति ने कीर्तिलता और कीर्तिपताका में अपने आश्रयदाता शिवसिंह और कीर्तिसिंह की वीरता का ओजस्वी तथा प्रभावशाली वर्णन किया है। कवि को सबसे अधिक यश तो अपनी रचना ‘पदावली’ के कारण प्राप्त हुआ। कवि ने ‘मैथिल कोकिल’ नाम से विशेष ख्याति अर्जित की। विद्यापति संक्रमण काल के कवि थे। कीर्तिलता और कीर्तिपताका में वीरगाथा काल के प्रतिनिध के रूप में…

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पदावली का साहित्यावलोकन

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पदावली का साहित्यावलोकन-पदावली में विद्यापति ने राधा-कृष्ण की प्रणयलीलाओं का हृदयग्राही वर्णन किया है। इसकी रचना करते समय गीतगोविंदकार जयदेव का आदर्श उनके सामने रहा। पदावली में श्रृंगार के दोनों पक्षों-संयोग और वियोग का वर्णन मिलता है किन्तु कवि संयोग पक्ष के वर्णन में अधिक सफल सिद्ध हुआ। विद्यापति ने आलंबन विभाव में नायक कृष्ण और नायिका राधा का बड़ा मनोहारी वर्णन किया है। राधा और कृष्ण के प्…

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