NTA-NET (UGC-NET) Hindi (20) हिन्दी साहित्य की गद्य विधाएँ (Hindi Prose Literature Vidhaaa)-हिन्दी उपन्यास (Hindi Novel) Study Material (Page 3 of 6)
Choose Programs:
🎓 Study Material (802 Notes): 2024-2025 Syllabus
Rs. 800.00 -OR-
3 Year Validity (Multiple Devices)
Topic-wise Notes & SampleDetails
🎯 850 MCQs (& PYQs) with Full Explanations (2024-2025 Exam)
Rs. 400.00 -OR-
3 Year Validity (Multiple Devices)
CoverageDetailsSample Explanation
Help me Choose & Register (Watch Video) Already Subscribed?
प्रेमचंदोत्तर उपन्यास
Edit
- प्रेमचंद के अनंतर उपन्यास साहित्य में निष्चित रूप से कुछ नई प्रवृत्तियों का समावेश हुआ। प्रेमचंदोत्तर उपन्यास में बाह्य शिल्प विधान में उत्कृष्टता आई हैं। किन्तु इसमें आंतरिक गहराई के दर्शन नहीं होते। इस काल की लेखकों की रचनाओं को किसी निश्चित प्रवृत्ति के अंतर्गत नहीं रखा जा सकता अत: अध्ययन की सुविधा के लिए उन्हें प्रवृत्तिमूलक वर्गो में विभक्त करना उचित होगा। जिसमें सामाजिक उपन्यास, मनोवैज्ञानिक उपन्यास, साम्यव…
… (1320 more words) …
Subscribe (by clicking here) to view full notes and track progress.
सामाजिक उपन्यास
Edit
- सामाजिक उपन्यासकारों में भगवतीचरण वर्मा, अमृतलाल नागर, उपेन्द्रनाथ अश्क, भगवतीप्रसाद वाजपेयी, उदयशंकर भट्ट, सेठ गोविन्ददास, यशपाल, नागार्जुन, भैरवप्रसाद गुप्त, अमृतराय आदि की अपनी विशिष्ट देन है। प्रसाद और कौशिक के बाद बेचन शर्मा उग्र, चतुरसेन शास्त्री आदि ने सामाजिक समस्याओं को प्रस्तुत किया हैं।
- बेचन शर्मा उग्र ने यथार्थवाद के आग्रह में कहीं-कहीं अनपेक्षित वर्णन भी कर दिए हैं। ‘बधुआ की बेटी’ उनकी उल्लेखनीय रचना हैं।
- आचार्य चतुरसेन ने अपने उपन्यासों में यह व्यक्त किया है कि वासना के प्रभाव से मनुष्य कितनी निचाई तक जा सकता है। सामाजिक उपन्यास के रूप मे…
… (2790 more words) …
Subscribe (by clicking here) to view full notes and track progress.