NTA-NET (UGC-NET) Hindi (20) छायावाद (Chhayavaad)-कुकुरमुत्ता मुक्त छंद (Kukarmukta Mukht Chand) Study Material (Page 1 of 1)

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सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ कृत कुकुरमुत्ता की व्याख्या Part - 1

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′ कुकुरमुत्ता ′ में सामान्य अकिंचन को उसकी समस्त क्षुद्रताओं, विशालताओं के साथ उघाड़ा गया है और जीवन की पुनर्रचना का दुर्दान्त संकल्प अभिव्यक्ति किया गया है। ′ कुकुरमुत्ता ′ काव्य अभिजात्य से मुक्ति का सफलतम प्रयोग है, जो विषयवस्तु, शिल्प संगठन, भाषिक संरचना, व…

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सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ कृत कुकुरमुत्ता की व्याख्या Part - 2

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किसी भी तरह का हावभाव,

मेरा ही रहता है उसमे ताव।

मैंने बदले पैंतरे,

जहाँ भी शासक लड़े।

पर हैं प्रोलेटेरिन झगड़े जहाँ,

नाचता है सूदखोर जहाँ कहीं ब्याज दुचता,

नाच मेरा क्लाइमेक्स को पहुँचता।

  • संदर्भ-वही
  • कथानुवाद- सभी प्रकार के हावभाव में मेरा ही प्रभाव दिखाई देता है। जहाँ भी सिंहासन के लिए लड़ाई हुई मेरे दाँव सफल हुए। पर जहाँ-जहाँ पूँजीगत अधम समाज के झगड़े हुए, भले ही वह पति-पत्नी के ही क्यों न रहे हैं वहाँ तो स्वार्थ खुलकर सामने आया। जहाँ कहीं भी सूदखोर अपने स्वार्थ में डुबकर दूसरों को सताता है। जहाँ ब्या…

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