IAS (Admin.) Mains Hindi Literature History of Hindi Literature-The Relevance and Importance of Hindi Literature Study Material (Page 11 of 37)

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भक्तिकाल में सगुण काव्य - गोस्वामी तुलसीदास

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  • गोस्वामी तुलसीदास के जीवन-वृत के बारे में अंत: साक्ष्य एवं बहि-साक्ष्य के आधार पर विदव्ानों ने विविध मत प्रस्तुत किये हैं। बेनीमाघवदास-प्रणीत ‘मूल गोसाई चरित’ तथा महात्मा रघुबरदास-रचित ‘तुलसी चरित’ में गोस्वामी जी का जन्म-संवत्‌ 1554 दिया हुआ है। बेनीमाघवदास जी की रचना में गोस्वामी जी की जन्मतिथि श्रावण शुक्ला सप्तमी का भी उल्लेख है। इस संवत्‌ के अनुसार इनकी आयु 126 - 127 वर्ष की ठहरती है। ‘शिवसिंह सरोज’ में इनका जन्म-संवत्‌ 1583 स्वीकार किया गया है। मिरजापुर के प्रसिद्ध रामभक्त पं. रामगुलाम दव्वेदी ने जनश्रुति के आधार पर इनका जन्म-संवत्‌ 1589 स्वीकार किया है। सर जॉर्ज ग्रियर्सन ने भी इसी जन्म-संवत्‌ को मान्यता दी है। …

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भक्तिकाल में सगुण काव्य - नाभादास

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  • गोस्वामी तुलसीदास के समकालीन रामभक्त कवियों में नाभादास का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है। उन्होंने हिन्दी में भक्तमाल-परम्परा का सूत्रपात ही नहीं किया, वरन्‌ अद्यावधि उपलब्ध भक्तमालों में सर्वश्रेष्ठ भक्तमाल हिन्दी को दिया। उनके भक्तमाल का …

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