IAS (Admin.) Mains Hindi Literature History of Hindi Literature-Prominent Trends of Modern Hindi Poetry Study Material (Page 4 of 16)
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रीतिकाल में ब्रजभाषा काव्य
हिन्दी साहित्य का यह युग मुख्यत: रसालंकाप्रिय कवियों का युग था। इन कवियों के दो वर्ग थे-
1 रीतिबद्ध कवि, जैसे -देव, बिहारी दास, सेनापति, मतिराम और पद्माकर
प्रस्तुत युग के बहुत-से कवि ब्रजभूमि से पूर्व के प्रान्तों के रहने वाले थे। अपनी-अपनी मातृभाषा का प्रभाव उनकी रचनाओं में मिलता है और यह प्रभाव शब्दकोश तक ही सीमित नहीं, क्रियाओं के रूप और वाक्य-गठन तक इससे प्रभावित हुए। परिणात: भाषा अस्थिर और अव्यवस्थित हो गई।
2 रीतिमुक्त कवि, जैसे-घनानंद, ठाकुर, बोधा आदि। परन्तु उनका उद्देश्य लक्षण-शासन लिखने का कभी नहीं था। उन्होंने अपनी सारी प्रतिभा और काव्यशक्ति उदाहरण देने में लगा दी है-रीतिमुक्त …
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आधुनिक काल में ब्रजभाषा काव्य
- आधुनिक काल में भारतेन्दु युग में ब्रजभाषा की काव्य-भाषा के पद पर प्रतिष्ठा रही है। भारतेंन्दु बाबु हरिश्चद्र, बाबु जगन्नाथ दास रत्नाकार, सत्यनारायण ‘कविरत्न’ आदि आधुनिक काल के ब्रजभाषा के सशक्त कवि हैं।
- दव्वेदी युग में आकर कविता ने नई करवट बदली और काव्यभाषा के रूप में खड़ी बोली को प्रतिष्ठित कर दिया गया, अत: ब्रजभाषा में हुई काव्य रचन…
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