IAS (Admin.) Mains Hindi Literature History of Hindi Language and Nagari Lipi-Applied Forms of Apbhransh Study Material (Page 3 of 28)

Choose Programs:

🎓 Study Material (757 Notes): 2024-2025 Syllabus

Rs. 800.00 -OR-

3 Year Validity (Multiple Devices)

Topic-wise Notes & SampleDetails

🎯 76 Questions (& PYQs) with Full Explanations (2024-2025 Exam)

Rs. 300.00 -OR-

3 Year Validity (Multiple Devices)

CoverageDetailsSample Explanation

Help me Choose & Register (Watch Video) Already Subscribed?

अवहट्ट भाषा

Edit

वास्तव में ′ अवहट ′ शब्द संस्कृत शब्द ′ अपभ्रंश का विकसित, विकृत या अपभ्रष्ट रूप है। विष्णुधर्मोत्तर पुराण में ′ अपभ्रंश ′ के लिए ′ अपभ्रंश ′ शब्द का प्रयोग किया गया है। प्रस्तुत भाषा परिवर्तनशील है। जब कोई भाषा जब साहित्य का माध्यम होकर एक प्रतिष्ठित रूप ग्रहण करती है और व्याकरण के रूप में बंध जाती है, तब वह जनभाषा से दूर हो जाती हे। अपभ्रंश की भी यही गति हुई है। अपभ्रंश के ही परिवर्तित रूप को अवहट्ट भाषा कहा गया है। ग्याहरवीं से लेकर चौदहवीं के अपभ्रंश कवियों ने अपनी भाषा को अवहट्ट भाषा कहा है। प्रस्तुत शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग ज्योतिरीश्वर ठाकुर ने दव्ारा रचित ′ वर्ण रत्नाकार ′ में किया है। ′ प्राकृत पैंगलम ′ की भाषा को उस…

… (3305 more words) …

Subscribe (by clicking here) to view full notes and track progress.

पुरानी हिन्दी

Edit
  • यह कहना बहुत ही कठिन है कि पुरानी हिन्दी का आरम्भ किस समय से हुआ हैं। सन्‌ एक हजार ई. के आसपास नये भारतीय आर्यभाषाओं का उदय माना जाता है। लेकिन 8वीं, 9वीं सदी के सिद्धों की भाषा में हमें अपभ्रंश से निकलती हुई हिन्दी स्पष्ट दिखाई देती हैं। आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने अपना ‘हिन्दी साहित्य के इतिहास’ सिद्धों की वाणियों से शुरू किया हैं। सरहपा, कन्हपा आदि सिद्ध कवियों ने अपनी भाषा को जन से अधिक निकट रखा हैं।
  • कुछ विदव्ानों ने जैन कवि पुष्यदंत को हिन्दी का आदि कवि माना है। परन्तु उसकी कृति ‘तिसंट्टि महापुरिसगुणालंकार’ की भाषा निस्संदेह अपभ्रंश है। पउम चरिउ में महाकवि स्वयंभू ने अपनी भाषा को देशी भाषा कहा है। विद्यापति की दो पुस्तके अवहट्ट में हैं। वर्णरत्नाकार के संपादक भी मिथिला के …

… (1783 more words) …

Subscribe (by clicking here) to view full notes and track progress.