IAS (Admin.) Mains Hindi Literature History of Hindi Literature-Literary Trends of the Following Four Periods of History of Hindi Literature Study Material (Page 81 of 178)

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दव्तीय कोटि के कवि (रीतिसिद्ध) ग्वाल

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ग्वाल

  • जीवन परिचय-कवित्व एवं आचार्यत्व का सम्यक्‌ निर्वाह करने वाले युग के अंतिम चरण के सर्वांग-निरूपक कवियों में ग्वाल का स्थान अन्यतम कहा जा सकता है। इनका जन्म 1791 ई. में सेवाराम नामक ब्रह्यभटट (बंदीजन) के यहाँ वृन्दावन में हुआ था तथा बाद में मथुरा में आकर बस गये थे। …

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दव्तीय कोटि (रीतिसिद्ध) कवि का आचार्यत्व - तोष कवि

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तोष

  • जीवन परिचय-संस्कृत के आचार्यों का आश्रय लेते हुए भी अपने ढंग से रस-निरूपण करने वाले इस युग के आचार्यो में तोष का नाम सबसे पहले लिया जा सकता हैं यह इलाहाबाद के निकट स्थित श्रृगवेरपुर (सिगरौर) नामक स्थान के निवासी थे तथा इनके पिता का नाम चतुर्भुज था। यह सरयूपारिण शुक्ल ब्राह्यण थे।
  • रचनाएँ-इनके दव्ारा रचित सुधानिधि, नखशिख, और विनयशतक ये तीन ग्रंथ कहे जाते हैं। इनमें आज केवल सुधानिधि (1634) ही उपलब्ध है। कुछ लोग रचना-काल संबंधी इनके दोहे के पाठभेद के आधार पर इसे 1734 ई. में रचित मानते हैं।
  • सुधानिधि- में विषय का विवेचन नवरस-पर…

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