IAS (Admin.) Mains Hindi Literature History of Hindi Literature-Literary Trends of the Following Four Periods of History of Hindi Literature Study Material (Page 79 of 178)

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दव्तीय कोटि के कवि (रीतिसिद्ध) भिखारीदास

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भिखारीदास

  • जीवन परिचय- जीवन परिचय-इनके अंतर रीति-ग्रंथ प्रणेताओं की भीड़-सी लगी दिखाई पड़ती है, ‘जग-नामा’ के रचियता रीधर या मुरलीधर (सं. 1737 ज. का.) , बिहारी सतसई कवि प्रिया आदि के टीकाकार तथा अलंकार माला, रस रत्नमाला आदि के प्रणेता सूरति मिश्र, रस चंद्रोदय, विनोद चंद्रिका के निर्माता उदयनाथ, सतसई के टीककार बिहारी के पुत्र कृष्ण कवि, अलंकार चंद्रोदय के जन्मादाता रसिकसुमति आदि-आदि आलंकारिकों के अंतर ख्यातनामा और उल्लेखनीय…

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दव्तीय कोटि के कवि (रीतिसिद्ध) रसिकगोविन्द

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रसिकगोविन्द-

  • जीवन परिचय-रीतिकाल के अंतर्गत जिन भक्तों, ने आचार्यो-कर्म दव्ारा रीति-साहित्य को समृद्ध किया, उनमें रसिकगोविन्द का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है। इनका जन्म 1743 ई. के आसपास राजस्थान के जयपुर नगर में नाटणीगोत्रीय खंडेलवाल वैश्य -परिवार में हुआ था। कहा जाता है कि दैवी प्रकोप अथवा राजग्रकोप के कारण संपत्ति के नष्ट हो जाने पर यह वृन्दाव…

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