IAS (Admin.) Mains Hindi Literature History of Hindi Literature-Literary Trends of the Following Four Periods of History of Hindi Literature Study Material (Page 70 of 178)

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संपूर्ण रीति साहित्य का विभाजन

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  • संपूर्ण रीति साहित्य का विभाजन-उक्त उपकरणों पर तथाकथित विशेषताओं से समन्वित संपूर्ण रीति साहित्य का विभाजन आचार्यों ने रीतिबद्ध एंव रीतिमुक्त धारा के नाम से किया हे। रीतिबद्ध के भीतर ‘रीतिसिद्ध’ नामक एक विशेष शाखा की भी कल्पना कर ली गई है। रीतिबद्ध के भी अवांतर भेद किए हैं- …

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रीतिकाल के प्रवर्तक आचार्य केशवदास

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केशवदास (रीतिकाल के प्रवर्तक)

  • रीतिकालीन कवियों में आचार्य कैशवदास को प्रमुख स्थान दिया जाता है। उन्होंने काव्य के लक्षण ग्रंथों की रचना की जिसके माध्यम से व्याकरण जैसे रस छंद आदि का वर्णन किया गया है।

केशव के विषय में मतभेद-

  • रीति ग्रंथों का प्रवर्तक किसको माना जाए? इस संबंध में विदव्ानों ने पर्याप्त मतभेद हैं। कुछ विदव्ान केशव को रीतिकाल का प्रवर्तक मानते है तथा कुछ ने चिंतामणि त्रिपाठी को रीतिग्रंथों का प्रर्वतक माना है। डॉ. श्यामसुन्दरदास ने केशवदास की रीति ग्रंथों की परंपरा का आचार्य बताते हुए लिखा है ″ यद्यपि समय व…

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