IAS (Admin.) Mains Hindi Literature History of Hindi Literature-Literary Trends of the Following Four Periods of History of Hindi Literature Study Material (Page 30 of 178)

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तुलसीदास

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  • तुलसीदास की जन्मभूमि के विषय में विभिन्न मत हैं। कुछ विद्धानों की मान्यता है कि उत्तर प्रदेश के एटा जिले में सूकर क्षेत्र (सोरों ग्राम) गोस्वामी तुलसीदास की जन्म भूति है। एटा जिले के कार्यालय से भी इस मत की पुष्टि होती है। हजारी प्रसाद द्धिवेदी ने भी इस मत को काफी सही माना है। किन्तु अधिकांश विद्धानों का मत बांदा जिले (उत्तर प्रदेश के राजापुर ग्राम को उनका जन्म स्थान मानने के पक्ष में है। तुलसीदास का जन्म संवत्‌ 1554 से 1589 के मध्य माना जाता है। उनकी जन्मभूति के संबंध में भी विवाद है कि वे सोरों में हुए या राजापुर (अवध) में। उनके पिता का नाम पंडित आत्माराम दुबे और माता का नाम हुलसी था। उनका जन्म अभुक्त मूल नक्षत्र में माना जाता है। जन्म के कुछ समय बाद उनकी माता का देहान्त हो गया था। इसलिए मुनिया नामक दासी न…

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रामभक्ति शाखा के अन्य कवि

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  • स्वामी अग्रदास- रामानन्द की शिष्य परंपरा में अग्रदास का नाम सम्मान पूर्वक लिया जाता है। इनके गुरु स्वामी कृष्णदास पयहारी थे। स्वामी अग्रदास राजस्थान में गलता नाम के स्थान की गद्दी पर आसीन थे। उन्होंने चार पुस्तकों की रचना की।
    1. हितोपदेश उपखाणां बावनी
    2. ध्यान मंजरी
    3. राम ध्यान मंजरी
    4. कुंडलिया।
  • नाभादास जी- अग्रदास के प्रिय शिष्य नाभादास राम के परम भक्त थे और साधु-संतों में अपना जीवन बिताते थे। भक्ति ग्रंथों में नाभादास दव्ारा लिखित भक्तमाल बहुत प्रसिद्ध है। इसमें 200 भक्तों के चरित्र का उल्लेख 316 छप्पयों में किया गया है। यद्यपि उनका पूर्ण विवरण तो नहीं दिया गया है किन्तु भक्त रूप में उनका संकेतात्मक जीवन वृत्त प्रस्तुत किया गया है। वास्तव में यह ग्रंथ मूल रूप से राम की भक्ति की महिमा का…

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