Modern Indian History [IAS (Admin.) IAS Mains GS Paper 1 in Hindi (Geography, Art & Culture, and History)]: Questions 15 - 21 of 66
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Question 15
Describe in Detail
Essay▾राष्ट्रवाद के विकास में सहायक तत्वों की भूमिका की विवेचना कीजिए। (250 शब्दों)
Explanation
- राष्ट्रवाद के विकास में अनेक तत्वों का योगदान परिलक्षित होता है। अंग्रेजों ने भारत में अंग्रेजी शिक्षा का प्रसार अपने उद्देश्य प्राप्ति के लिए किया था। लेकिन इस शिक्षा के प्रसार से पश्चिमी देशों के राजनीतिक विकास व चिंतन का ज्ञान भारतीयों को उपलब्ध हुआ। स्वतंत्रता, समानता एवं प्रतिनिधित्व के सिद्धांतों से प्रेरित फ्रांस व अमेरिकी क्रांतियों का ज्ञा…
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Question 16
Appeared in Year: 2002
Describe in Detail
Essay▾ब्रिटेन में भारतीय स्व-शासन आंदोलन के विकास का निरूपण कीजिए। (150 शब्दों)
Explanation
- दादाभाई नौरोजी ब्रिटेन में भारतीय पक्ष का प्रचार-प्रसार करने में जुटे रहे। इस कार्य में ए. ओ. ह्यूम का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। नौरोजी ने भारत को स्वशासन और दूसरे ब्रिटिश उपनिवेशों की तरह का दर्जा प्रदान किए जाने की मांग को 1904 में अंतरराष्ट्रीय सोशलिस्ट (समाजवादी) कांग्रेस में उठाया।
- भारत में ही नहीं ब्रिटेन में भी 1916 में एक भारतीय होमरूल लीग …
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Question 17
Appeared in Year: 2014
Describe in Detail
Essay▾पानीपत का तीसरा युद्ध 1761 ई. में लड़ा गया था। क्या कारण है कि इतनी साम्राज्य-प्रकम्पी लड़ाइयाँ पानीपत में लड़ी गई?
Explanation
- ऐतिहासिक नजरिए से देखा जाए तो पानीपत के मैदान पर ऐसी तीन ऐतिहासिक लड़ाईयां लड़ीं गईं, जिन्होंने पूरे देश की तकदीर और तस्वीर बदलकर रख दी थी। पानीपत की तीसरी और अंतिम ऐतिहासिक लड़ाई 250 वर्ष पूर्व 14 जनवरी, 1761 को मराठा सेनापति सदाशिव राव भाऊ और अफगानी सेनानायक अहमदशाह अब्दाली के बीच हुई थी। हालांकि इस लड़ाई में मराठों की बुरी तरह से हार हुई थी, इसके बा…
Question 18
Appeared in Year: 1995
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Essay▾सविनय अवज्ञा आंदोलन का भारत के विभिल्ल प्रांतों पर क्या प्रभाव पड़ा? उसने भारत में कृषक आंदोलन का किस प्रकार पोषण किया? (250 शब्दों)
Explanation
- एक बार जब गांधी जी ने दांडी में नमक हाथ में लेकर सविनय अवज्ञा आंदोलन का श्रीगणेश कर दिया तो नमक कानून तोड़ने का सत्याग्रह पूरे देश में शुरू हो गया। पहली बार इस आंदोलन में देश की महिलाओं ने व समाज के कृषक और मजदूर वर्ग ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। पूरे देश में करबंदी, लगानबंदी, शराबंदी, नमक सत्याग्रह, विदेशी कपड़ों की दुकानों पर धरना, सरकारी विद्यालयों व महाव…
Question 19
Appeared in Year: 1990
Describe in Detail
Essay▾′ प्रारंभिक भारतीय राष्ट्रीय नेतृत्व के कार्य आर्थिक राष्ट्रीयता में किस प्रकार योगदान प्रदर्शित करते हैं? (250 शब्दों)
Explanation
- सामान्यत प्रारंभिक दौर में राष्ट्रवादियों का सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक कार्य उनका साम्राज्यवाद का आर्थिक विवेचन करना था। उन्होंने उस वक्त ब्रिटेन द्वारा भारत के आर्थिक शोषण के तीनों रूपों यथा व्यापार, उद्योग तथा वित्त को पहचान लिया था। वे यह अच्छी तरह समझ रहे थे कि ब्रिटेन की आर्थिक साम्राज्यवाद की नीति का उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को ब्रिटिश अर्…
Question 20
Appeared in Year: 2005
Describe in Detail
Essay▾कांग्रेस ने देश के विभाजन को आखिरकार क्यों और किस प्रकार स्वीकार किया था। (250 शब्द)
Explanation
- भारत में जिस सांप्रदायिक एवं विभाजनकारी राजनीति की नींव 1906 में लीग की स्थापना से पड़ी थी, उसकी स्वाभाविक परिणति थी-देश का विभाजन। 1916 में लीग-कांग्रेस समझौता एवं खिलाफत-असहयोग की सम्मिलित रणनीति के बावजूद कांग्रेस और मुस्लिम लीग में स्थायी समझौता नहीं हो सका। नेहरू रिपोर्ट (विवरण) के प्रकाशन एवं जिन्ना के 14 सूत्री मांग के कारण यह विभाजन एकदम स्प…
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Question 21
Appeared in Year: 1990
Describe in Detail
Essay▾स्वराज पार्टी (दल) के प्रादुर्भाव का पिरचय दीजिए। स्वराज्य पार्टी (दल) का घोषणा पत्र क्या था? स्वराजवादियों की मांगे क्या थी? उन पर ब्रिटिश शासन की प्रतिक्रिया क्या थी? (250 शब्दों)
Explanation
- महात्मा गांधी द्वारा अचानक असहयोग आंदोलन स्थगित किए जाने से कांग्रेस के एक वर्ग में घोर निराशा व असंतोष फैल गया। कांग्रेस के भावी कार्यक्रमों के विषय में नेताओं में मतभेद पैदा हो गया। देशबंधु चितरंजन दास व मोतीलाल नेहरू कांग्रेस द्वारा सशक्त नीति अपनाए जाने का समर्थन कर रहे थे। वहीं दूसरी तरफ एक ऐसा वर्ग भी था जो कांग्रेस की नीति में किसी प्रकार का…
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