Indian Society [IAS (Admin.) IAS Mains GS Paper 1 in Hindi (Geography, Art & Culture, and History)]: Questions 9 - 15 of 24
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Question 9
Appeared in Year: 1991
Write in Short
Short Answer▾“धार्मिक एवं सामाजिक सुधारों के क्षेत्र में राजा राम मोहन राय का नाम सर्वोपरि है।” स्पष्ट कीजिए (50 शब्दों)
Question 10
Appeared in Year: 2014
Describe in Detail
Essay▾धर्मनिरपेक्षता पर भरतीय वाद-विवाद पश्चिम में वाद-विवादों से किस प्रकार भिन्न है?
Explanation
- आज धर्मनिरपेक्षता की आम स्वीकृत परिभाषा एक ऐसे राष्ट्र राज्य की कल्पना करती है जिसमें राज्य का दिन प्रतिदिन का व्यापार धर्माधारित मूल्यों से संचालित नहीं होता। इसके अनुसार राज्य अपने सभी नागरिकों के साथ, उनकी धार्मिक आस्थाओं में भिन्नता के बावजूद , समानता का व्यवहार करेगा। सभी धर्मावलम्बियों का राज्य के संसाधनों पर समान अधिकार होगा और नौकरियों, व्य…
Question 11
Appeared in Year: 1990
Describe in Detail
Essay▾19वीं सदी के सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलनों में सांस्कृतिक वैचाारिक संघर्ष की राष्ट्रीय चेतना को जन्म देने एवं इसके विकास में योगदान को स्पष्ट कीजिए (150 शब्दों)
Explanation
- सांस्कृतिक वैचारिक संघर्ष ने भारतीय संस्कृति की रूढ़ियों को दूर करने का प्रयास किया। धार्मिक क्षेत्र में इसके अंतर्गत लोगों को धर्मभीरूता के जाल से मुक्त कराया व पुजारियों के एकाधिकार की समाप्ति की। समाज में प्रचलित जाति व्यवस्था को भी अनुचित ठहरा उसका विरोध किया। वहीं, समाज में महत्वपूर्ण रूप से सती प्रथा पर रोक लगाने व विधवा-पुनर्विवाह को मान्यता …
Question 12
Appeared in Year: 2006
Describe in Detail
Essay▾भारत के पुनर्जागरण के मुख्य अभिलक्षणों की रूपरेखा प्रस्तुत कीजिए (250 शब्द)
Explanation
- 19वीं शताब्दी में भारत के साामजिक-धार्मिक क्षेत्र में नवीन सुधारों का आरंभ हुआ। कुछ विद्वान इसे ही भारतीय पुनर्जागरण के नाम से अभिहित करते हैं। भारत का पुनर्जागरण सामाजिक एवं धार्मिक क्षेत्र में नवीन परिवर्तनों का वाहक था। सर्वप्रथम इसने सदियों से चली आ रही जाति व्यवस्था की कटु आलोचना की। भारत की जाति व्यवस्था वर्ण व्यवस्था का ही विकृत रूप थी। वर्ण…
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Question 13
Appeared in Year: 1991
Describe in Detail
Essay▾1919 तक के विश्वविद्यालय शिक्षा की वृद्धि एवं विकास को लिखिए। (150 शब्दों)
Explanation
- 1854 तक उच्च शिक्षा की गति धीमी रही, परन्तु 1854 से ईस्ट (पूर्व) इंडिया (भारत) द्वारा अपनी नई शिक्षा नीति की घोषणा की गई जो “वुड डिस्पैच” के नाम से जानी जाती है। इसे “भारतीय शिक्षा का मैग्नाकार्टा” कहा जाता है। इस सिफारिशों के आधार पर बंबई कलकता और मद्रास में विश्वविद्यालय स्थापित किए गए। ये विश्वविद्यालय लंदन के नमूने के आधार पर स्थापित किए गए थे।…
Question 14
Appeared in Year: 2014
Describe in Detail
Essay▾क्या कारण है कि भारत में हरित क्रांति पूर्वी प्रदेश में उर्वरक मृदा और जल की बढ़िया उपलब्धता के बावजूद, असलियत में उससे बचकर आगे निकल गयी?
Explanation
- हरित क्रांन्ति से अभिप्राय देश के सिंचित एवं असिंचित कृषि क्षेत्रों में अधिक उपज देने वाले संकर तथा बौने बीजों के उपयोग से फसल उत्पादन में वृद्धि करना हैं। हरित क्रान्ति भारतीय कृषि में लागू की गई उस विकास विधि का परिणाम है, जो 1960 के दशक में पारम्परिक कृषि को आधुनिक तकनीकि द्वारा प्रतिस्थापित किए जाने के रूप में सामने आई। क्योंकि कृषि क्षेत्र में…
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Question 15
Appeared in Year: 2007
Describe in Detail
Essay▾19वीं शताब्दी में भारत के साामजिक-धार्मिक सुधारों का क्या स्वरूप था और इन सुधारों ने भारत में राष्ट्रीय जागरण में किस प्रकार योगदान किया था। (250 शब्द)
Explanation
- 19वीं शताब्दी में भारत के साामजिक-धार्मिक सुधार आंदोलन पश्चिम की नवीन उदारवादी एवं मानवतावादी चेतना के साथ भारत की पुनरूत्थानवादी चेतना का मिलाजुला परिणाम था। यही कारण है कि इसका स्वरूप उदारवादी, मानवतावादी, पुनरूत्थानवादी एवं किसी हद तक उपयोगितावादी भी था।
- ये आंदोलन अपने स्वरूप में उदारवादी थे। इसने धार्मिक-सामाजिक क्षेत्र में बदलाव को आवश्यक माना …
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