Reading Comprehension-Prose or Drama [CTET (Central Teacher Eligibility Test) Paper-II Hindi]: Questions 276 - 282 of 723
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Passage
यदि हम सुनने के साथ-साथ सुनाते भी हैं, अर्थात् वार्तालाप भी करते हैं तो बातें याद रहने की सम्भावना काफी अधिक रहती है। इसलिए भाषण तो हमें याद नहीं रहते, परन्तु वार्तालाप हम भूलते नहीं है। सुनने के लिए पुराना भूलना भी जरूरी है। बुद्धि के पास वह शक्ति है, जिससे वह सुनी हुई बातों का सार निकालकर बाकी विस्तार को भुला देती है, तभी हम नई बातें सुन सकते है। दो कान इसलिए है कि सुनने को इतना कुछ है कि एक कम पड़ता है। प्रकृति ने हमें सुख एक ही दिया है इसलिए कि सुनो ज्यादा, बोलो कम। सामने वाले की बात ध्यान से सुनना एक प्रकार की गतिविधि है।
सुनने की कला आज दुर्लभ होती जा रही है। शोध बताते है कि हम जितना सुनते हैं, उसका मात्र 20 प्रतिशत ही हमें याद रहता है। सुनी बातों में से तीन दिन बाद केवल 10 प्रतिशत ही याद रहताहै। इसके अलावा सुनने और समझने के बीच हमारा पूर्वाग्रह, पूर्व जानकारी, पूर्व अर्जित ज्ञान भी प्रभाव डालता है।
Question 276 (4 of 7 Based on Passage)
Appeared in Year: 2013
Question MCQ▾
‘सुनने के लिए पुराना भूलना भी जरूरी है।’ वाक्य है
Choices
Choice (4) | Response | |
---|---|---|
a. | अनिश्चयवाचक | |
b. | प्रश्नवाचक | |
c. | विधानवाचक | |
d. | आश्चर्यवाचक |
Question 277 (5 of 7 Based on Passage)
Appeared in Year: 2013
Question MCQ▾
यह जड़ी-बूटी तो आज बड़ी … है। वाक्य के रिक्त स्थान पर शब्द आएगा
Choices
Choice (4) | Response | |
---|---|---|
a. | दुर्लभ | |
b. | दुस्तर | |
c. | दुर्गम | |
d. | दुराव |
Question 278 (6 of 7 Based on Passage)
Appeared in Year: 2013
Question MCQ▾
‘पूर्वाग्रह’ का सन्धि विच्छेद है
Choices
Choice (4) | Response | |
---|---|---|
a. | पूर्व + ग्रह | |
b. | पूरव + आ + ग्रह | |
c. | पूर्वा + ग्रह | |
d. | पूर्व + आग्रह |
Question 279 (7 of 7 Based on Passage)
Appeared in Year: 2013
Question MCQ▾
इस गद्यांश में बुद्धि की कौनसी महत्वूपर्ण शक्ति का उल्लेख है?
Choices
Choice (4) | Response | |
---|---|---|
a. | बुद्धि सुनकर सार ग्रहण करती है | |
b. | बुद्धि सुनकर याद कर लेती है | |
c. | बुद्धि सदैव नई बातें सुनती है | |
d. | बुद्धि विस्तार को तुरन्त भूल जाती है |
Passage
यान्त्रिक गति से जाते और लौटते पण्डित जी आज सुबह अचानक उस मैदान की ओर बढ़ चले, जहाँ कक्षा भवनों से कलकल ध्वनि के साथ बालकों की धारा निकलकर बर रही थी। उन्हें समझने में देर नहीं लगी कि स्कूली बच्चों की प्रार्थना का समय है। बालक अब पंक्तिबद्ध खड़े हो गए हैं। कलकल ध्वनि शान्त हो गई। किसी आन्तरिक अनुशासन से सबके मुँह पर शान्ति और नम्रता की सात्विक आर्द्रता छा गई। सिर किंचित आगे झुग गए। आँखूं मुँदी अथवा अधमुँदी स्थितियों में हो गई।
पण्डित जी ने सोचा, कौन कहता है कि आज का छात्र-वर्ग-विद्या-बुद्धि के साथ अनुशासन की दिशा में एकदम खोखला हो गया है? ऐसा सोचने वाले एक बार आकर उन्हें इस रूप में देखें। उच्च दर्जें के छात्र भी छोटे बालकों के साथ शान्त और संयमित है। क्या कभी मार-पीटकर छात्राेें को इतना शान्त बनाया जा सकता है? नहीं, यह प्रार्थना और ईश्वर की महिमा का प्रभाव है। भारतवर्ष में शिक्षा को भगवान और उसकी प्रार्थना से काट दिया जाएगा तो वह खोखली हो जाएगी। प्रार्थना सभा की यह भाव-मग्नता यदि कक्षा भवन में नहीं रह सकती तो शिक्षा की सफलता संदिग्ध रहेगी।
Question 280 (1 of 9 Based on Passage)
Question MCQ▾
अगर प्रार्थना न हो तो शिक्षा की सफलता कैसी रहेगी।
Choices
Choice (4) | Response | |
---|---|---|
a. | सराहनीय | |
b. | बेमानी | |
c. | संदिग्ध | |
d. | विरूपित |
Question 281 (2 of 9 Based on Passage)
Question MCQ▾
उपरोक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए
Choices
Choice (4) | Response | |
---|---|---|
a. | शान्त और संयमित | |
b. | विद्यालय में खेलकूद | |
c. | विद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम | |
d. | विद्यालय में अनुशासन और दण्ड |