Reading Comprehension [CTET (Central Teacher Eligibility Test) Paper-II Hindi]: Questions 82 - 89 of 1026
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Passage
सभ्यता के पुराने दस्तावेज के रूप में खण्डहरों व भूमिगम सामग्रियों को देखा जाता है। जब व्यक्ति अपने आपको सामाजिक जीवन में ढालने लगा, तब से वह समग्र एकता में प्रदर्शित होता है। इस प्रदर्शन की सीमा को हड़प्पा व मोहनजोदड़ों से प्राप्त वस्तुओं से कर सकते हैं उनकी अभिव्यक्ति रहन-सहन, मोहरों, सिक्कों एवं बने बनाए पक्के व अधपक्के खिलौनों से जान सकते हैं। उनकी धार्मिक भावना के रूप में कुण्ड की प्राप्ति हुई है, जिससे उनके धार्मिक संवेदनाओं को जाने सकते हैं। लेकिन प्राकृतिक आपदाओं में ढहती सभ्यताओं की कहानी, जमीन में धंसे समय के काल को खोद कर देख सकते हैं। इससे इतिहास की टूटी कड़ियों का पता चलता है। इससे यह भी पता चलता है कि कैसे नगरीय सभ्यता के स्थान पर ग्रामीण सभ्यता का विकास होता है। यह वैदिक युग में हुआ और इसी सभ्यता में भाषा की उपलब्धि हासिल हुई जिसको संस्कृत के रूप में जाना जाताहै।
वैदिक युग में मानव ने जंगल से निकल ग्रामीण संस्कृति का निर्माण किया तथा समाज ने प्राकृतिक रूपों को ही अपने ईष्ट के रूप में स्वीकारा, जिसकी अभिव्यक्ति ऋग्वेद के रूप में मिलती है। भाषा की यह वृत्ति केवल भारतभूमि पर ही सम्भव नहीं हुई बल्कि विश्व के अन्य हिस्सों में भी देखने को मिलती है। संस्कृत भाषा के प्राथमिक जीवित रचना के रूप में ऋग्वेद का शास्त्रीय संस्कृत भाषा का संबंध है। संस्कृत भाषा अपनी समस्त स्थितियों में प्रयुक्त बहुल भाषा है परन्तु वेदों में जो रूप प्रयुक्त हुए हैं, उनमें बाद के दिनों से अन्तर है। यही कारण है कि वैदिक भाषा का प्रभाव बाद के दिनों में अन्य भाषाओं में देखने को मिलता है क्योंकि संस्कृत ही इन भाषाओं की जननी है। वर्तमान में भारतीय संविधान में संग्रहीत सभी भाषाओं का प्रभाव देखा जाता है।
Question 82 (6 of 9 Based on Passage)
Question MCQ▾
निम्नलिखित में से कौनसी विश्व की पहली साहित्यिक रचना मानी जाती है?
Choices
Choice (4) | Response | |
---|---|---|
a. | ऋग्वेद | |
b. | सामवेद | |
c. | उपनिषद् | |
d. | अथर्ववेद |
Question 83 (7 of 9 Based on Passage)
Question 84 (8 of 9 Based on Passage)
Question MCQ▾
‘अधपका’ में कौनसा समास है?
Choices
Choice (4) | Response | |
---|---|---|
a. | अव्ययीभाव | |
b. | दव्न्दव् | |
c. | कर्मधारय | |
d. | तत्पुरूष |
Question 85 (9 of 9 Based on Passage)
Question MCQ▾
प्रस्तुत गद्यांश में ‘ईष्ट’ का तात्पर्य है
Choices
Choice (4) | Response | |
---|---|---|
a. | असुर | |
b. | इच्छित | |
c. | ईर्ष्या | |
d. | ईश्वर |
Passage
भारतीय साहित्य भारतीय संस्कृति के आधार पर विकसित हुआ है। इस संस्कृति में भारतीयता के बीच समाहित है। जब कभी भी भारतीय अपनी पहचान का व्याख्यान करने को उत्सुक होता है, उसे अपने जोड़ से जोड़कर देखना चाहता है। यह केवल भारत व भारतीय के लिए ही आवश्यक नहीं है, बल्कि किसी भी देश के प्रान्त से जुड़ा हुआ मसला है। अपने को अन्य से जोड़कर तर्क दिए जाते हैं। उसे अपनी जड़ से जोड़कर ही देखते हैं। वर्तमान में भारतीय संस्कृति व सभ्यता के बीच उपजे हुए विषय वस्तु को ही आधार बनाकर अपनी पहचान को जोड़ते हैं, जिसके कारण दक्षिण भारतीय या उत्तर सभी भारतीय संस्कृति के टूटी कडियों से जोड़क अपने आपको अलग स्थापित करते हैं। इसका परिणाम भारतीय स्तर पर विखण्डन के रूप में भी देखने को मिलता है। इस परिणाम के तहत भाषा व संस्कृति के आधार पर विभिन्न प्रान्तों का निर्माण भी सम्भव हो गया। यदि यही विखण्डित समाज भारतीय संस्कृति के मूल से जोड़कर अपने को देखता होता तो भाषायी एकता भी बनती और क्षेत्रवाद का काला धुंआ, जो भारतीय आकाश पर मण्डरा रहा है, उसके उत्पत्ति ही सम्भव नहीं हो पाती। इस संदर्भ में भारतीयता व उसके समीप उपजे साहित्य को सीमाओं में जांचना जरूरी है। इसकी प्रकृति की खोज और इसके परिणामों की व्याख्या भारतीय साहित्य व भारतीयता के संदर्भ में खोजने होंगे।
भारतीयता के संदर्भ में साहित्य और समाज के संबंधों को समझना आवश्यक है। साहित्य का जन्म समाज में ही सम्भव हो सकता है, इसलिए मानवीय संवेदनाओं को हम उनकी अभिव्यक्ति के माध्यम से समझ सकते हैं। यह अभिव्यक्ति समाज और काल में अलग-अलग रूपों में प्रकट हुई है। यदि हम पाषाण काल के खण्डों और उसके वन में ही रहने वालों की स्थिति को देखें, तो उनके विचार शब्दों में नहीं बल्कि रेखाचित्रों में देखने को मिलते हैं। कई गुफाओं में इन समाजों की अभिव्यक्ति को पत्थर पर खुदे निशानों में देख सकते हैं। इन रूपों में उनके जन-जीवन में घटने वाली घटनाओं को प्रदर्शित करते नजर आते हैं। उनमें शिकार करते आदिमानव को देख सकते हैं जो जीवन यापन के साधन हों। उन चित्रों में हल चलाने वाले किसानों की अभिव्यक्ति नहीं मिलती। इससे इस बात की पुष्टि होती है कि वह समाज वनाचरण व्यवस्था में ही सिमटी या उनका जीवन यापन शिकार पर ही केन्द्रित या सभ्यता के विकास की गाथा उसके जीवन में नहीं गाई जा रही थी। लेकिन समय की पहली धारा में जो प्रभाव देखे जाते है, वह सभ्यता के रूप में गिरे पड़े टूटे-फूटे प्राप्त ऐतिहासिक खोज में देख सकते हैं।
Question 86 (1 of 9 Based on Passage)
Question MCQ▾
भारतीयता को समझने के लिए निम्नलिखित में से किसे समझना आवश्यक है?
Choices
Choice (4) | Response | |
---|---|---|
a. | भारतीय साहित्य को | |
b. | भारतीय साहित्य और समाज के संबंधों को | |
c. | भारतीय समाज को | |
d. | None of the above |
Question 87 (2 of 9 Based on Passage)
Question MCQ▾
भारतीय साहित्य किसके आधार पर विकसित हुआ है?
Choices
Choice (4) | Response | |
---|---|---|
a. | भारतीय संस्कृति | |
b. | भारतीय समाज | |
c. | भारतीय इतिहास | |
d. | भारतीय राजनीति |
Question 88 (3 of 9 Based on Passage)
Question MCQ▾
‘संवेदना’ शब्द का सन्धि-विच्छेद है
Choices
Choice (4) | Response | |
---|---|---|
a. | स + वेदना | |
b. | सम् + वेदन | |
c. | सम् + वेदना | |
d. | सा + वेदना |
Question 89 (4 of 9 Based on Passage)
Question MCQ▾
यदि उत्तर भारतीय एवं दक्षिण भारतीय संस्कृति को अलग कर नहीं देखा जाता, तो इसका क्या लाभ होता?
Choices
Choice (4) | Response | |
---|---|---|
a. | भारतीय साहित्य का विकास नहीं होता | |
b. | न क्षेत्रवाद पनपता और न ही भाषावाद | |
c. | दक्षिण भारतीय साहित्य का विकास होता | |
d. | Question does not provide sufficient data or is vague |