CTET (Central Teacher Eligibility Test) Paper-II Hindi: Questions 30 - 35 of 1991

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Question 30

Question MCQ▾

बोलना कौशल में महत्वपूर्ण है

Choices

Choice (4)Response

a.

संदर्भ एवं स्थिति के अनुसार अपनी बात कह सकना

b.

मधुर वाणी

c.

स्पष्ट एवं शुद्ध उच्चारण

d.

आलंकारिक भाषा का प्रयोग

Edit

Question 31

Question MCQ▾

प्राथमिक स्तर पर भाषा की पाठ्य पुस्तकों में किस तरह की रचनाओं को स्थान दिया जाना चाहिए?

Choices

Choice (4)Response

a.

केवल कहानियाँ अथवा कविताएँ

b.

विदेशी साहित्य की रचनाएँ

c.

ऐसी रचनाएँ जो बच्चों के परिवेश से जुड़ी हों और जिनमें भाषा की अलग-अलग छटाएँ हों

d.

जो प्रत्यक्ष रूप से मूल्यों पर आधारित हों

Edit

Passage

1914 तक देश का औद्योगिक विकास बेहद धीमा रहा और साम्राज्यवादी शोषण अत्यन्त तीव्र हो गया। गाँवों की अर्थव्यवस्था पंगु हो गई। सबसे अधिक बुरा प्रभाव कारीगरों, हरिजनों और छोटे किसानों पर पड़ा। ग्रामीण जन साम्राज्य और उनके भारतीय एजेन्ट जमींदारों के दोहरे शोषण की चक्की में पिस रहे थे। ब्रिटिश काल में सूदखोर महाजनों काएक ऐसा वर्ग पैदा हुआ, जिनसे एक बार कर्ज लेने पर गाँव के किसान जीवन-भर गुलामी का पट्टा पहनने पर मजबूर हो जाते थे। उनके हिसाब के सूद का भुगतान करने में असमर्थ किसान महाजनों को खेत बेचने पर मजबूर होकर अपनी जमीन पर ही मजदूरी होता गया। इस प्रकार देश में एक और तो बड़े किसानों की संख्या बढ़ी, दूसरी ओर जमीन जोतने वाला किसान भूस्वामित्व के अधिकार से वंचित होकर खेतिहर मजदूर होने लगा। भुखमरी से बचने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण बड़े पैमाने पर रोजी-रोटी की तलाश में शहरों की ओर भागने लगे, परन्तु इन असहाय लोगों का स्वागत करने के लिए वहाँ भी कठिनाइयाँ और समस्याएँ ही थी। प्रेमचन्द ‘गोदान’ की ओर भागने लगे, परन्तु इन असहाय लोगों का स्वागत करने के लिए वहाँ भी कठिनाइयाँ और समस्याएँ ही थी। प्रेमचन्द ‘गोदान’ में होरी और गोबर के माध्यम से इस ऐतिहासिक प्रक्रिया को विस्तार से हमारे सामने प्रस्तुत करते हैं। यह अकेले होरी की ट्रेजिडी नहीं है, पूरे छोटे किसानों के साथ साम्राज्यवादी-पूँजीवादी व्यवस्था के शोषण तंत्र का क्रूर मजाक है, जो दूसरे ढंग से आज भी जारी है। 20वीं शताब्दी के आरम्भ में ग्रामीण गरीबी का प्रेमचन्द जो यथार्थ चित्रण करते हैं, यह यूरोप में किसी व्यक्ति के लिए अकल्पनीय है - “टूटे-फूटे झोंपडे, मिट्टी की दीवारें, घरों के सामने कूडे-करकट के ढेर, कीचड़ में लिपटी भैंसें, दुर्बल गायें, हड्डी निकले किसान, जवानी में ही जिन पर बुढ़ापा आ गया है।”

Question 32 (1 of 9 Based on Passage)

Question MCQ▾

‘गोदान’ के पात्र हैं

Choices

Choice (4)Response

a.

गोबर

b.

होरी

c.

प्रेमचन्द

d.

Both a. and b. are correct

Edit

Question 33 (2 of 9 Based on Passage)

Question MCQ▾

1914 तक देश के औद्योगिक विकास धीमा रहने का मुख्य कारण क्या हो सकता है?

Choices

Choice (4)Response

a.

गरीब किसान

b.

गाँव की पंगु अर्थव्यवस्था

c.

सूदखोर महाजन

d.

साम्राज्यवादी शोषण

Edit

Question 34 (3 of 9 Based on Passage)

Question MCQ▾

ग्रामीण अर्थव्यवस्था कमजोर होने का कुप्रभाव किस पर पड़ा?

Choices

Choice (4)Response

a.

छोटे किसान

b.

कारीगर

c.

दलित वर्ग

d.

All a., b. and c. are correct

Edit

Question 35 (4 of 9 Based on Passage)

Question MCQ▾

ग्रामीण लोग शहरों की ओर क्यों पलायन कर रहे थे?

Choices

Choice (4)Response

a.

रोजी-रोटी की तलाश में

b.

भुखमरी से बचने के लिए

c.

Both a. and b. are correct

d.

None of the above

Edit