CTET (Central Teacher Eligibility Test) Paper-I Hindi Pedagogy of Language Development-Grammar Study Material (Page 5 of 11)

Choose Programs:

🎓 Study Material (188 Notes): 2024-2025 Syllabus

Rs. 350.00 -OR-

3 Year Validity (Multiple Devices)

Topic-wise Notes & SampleDetails

🎯 1793 MCQs (& PYQs) with Full Explanations (2024-2025 Exam)

Rs. 550.00 -OR-

3 Year Validity (Multiple Devices)

CoverageDetailsSample Explanation

Help me Choose & Register (Watch Video) Already Subscribed?

भाषा एवं व्याकरण (Language and Grammar)

Edit
  • भाषा के शुद्ध प्रयोग के लिए चार कौशलों की आवश्यकता होती है पढ़ना, लिखना, बोलना एवं सुनना। इन चारों कौशलों से भाषा में अशुद्ध आती है। शुद्ध भाषा सिखाने के लिए व्याकरण का ज्ञान एवं प्रयोग मुख्य आधार है।
  • मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, विचारों के आदान-प्रदान के लिए कुछ सार्थक ध्वनि प्रतीकों को अपनाया। ये ध्वनि प्रतीक ही भाषा कहलाए। कालान्तर में भाषाओं के सर्वमान्य रूपों का विश्लेषण कर उनमें कुछ नियम निकाले गए। ये नियम ही भिन्न-भिन्न भाषाओं के अपने व्याकरण के अंग हैं। यहाँ हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पहले भाषा का विकास हुआ, फिर व्याकरण बना।
  • व्याकरण ऐसा शास्त्र है जो हमें यह बताता है कि किस वाक्य में कौनसा शब्द कहाँ रहना चाहिए। व्याकरण तो भाषा के सर्वमान्य रूप का संरक्षण करता है, लेक…

… (2134 more words) …

Subscribe (by clicking here) to view full notes and track progress.

भाषा अधिगम में व्याकरण की भूमिका (Role of Grammar in Language Learning)

Edit
  • भाषा परिवर्तनशील है, विकासशील है। व्याकरण उसके इस विकास पर नियंत्रण का कार्य करता है। व्याकरण भाषा को अव्यवस्थित होने से बचाता है। अत: भाषा के स्वरूप को शुद्ध रखने, उसको विकृतियों से बचाने के लिए व्याकरण की शिक्षा आवश्यक है।
  • व्याकरण भाषा का सहचर है। भाषा रूप भवन की रचना शब्द रूपी ईंट व्याकरण रूपी सीमेन्ट के समुचित योग से सम्भव है।
  • भाषा अनुकरण से सीखी जाती है पर भाषा को प्रभावशाली बनाने के लिए हमें उसके सर्वमान्य रूप को सीखना होता है। भाषा के सर्वमान्य रूप को जानने के लिए व्याकरण को…

… (1077 more words) …

Subscribe (by clicking here) to view full notes and track progress.