Reading Comprehension [CTET (Central Teacher Eligibility Test) Paper-I Hindi]: Questions 90 - 97 of 986
Choose Programs:
🎓 Study Material (188 Notes): 2024-2025 Syllabus
Rs. 350.00 -OR-
3 Year Validity (Multiple Devices)
Topic-wise Notes & SampleDetails
🎯 1793 MCQs (& PYQs) with Full Explanations (2024-2025 Exam)
Rs. 550.00 -OR-
3 Year Validity (Multiple Devices)
CoverageDetailsSample Explanation
Help me Choose & Register (Watch Video) Already Subscribed?
Passage
भारतीय साहित्य भारतीय संस्कृति के आधार पर विकसित हुआ है। इस संस्कृति में भारतीयता के बीच समाहित है। जब कभी भी भारतीय अपनी पहचान का व्याख्यान करने को उत्सुक होता है, उसे अपने जोड़ से जोड़कर देखना चाहता है। यह केवल भारत व भारतीय के लिए ही आवश्यक नहीं है, बल्कि किसी भी देश के प्रान्त से जुड़ा हुआ मसला है। अपने को अन्य से जोड़कर तर्क दिए जाते हैं। उसे अपनी जड़ से जोड़कर ही देखते हैं। वर्तमान में भारतीय संस्कृति व सभ्यता के बीच उपजे हुए विषय वस्तु को ही आधार बनाकर अपनी पहचान को जोड़ते हैं, जिसके कारण दक्षिण भारतीय या उत्तर सभी भारतीय संस्कृति के टूटी कडियों से जोड़क अपने आपको अलग स्थापित करते हैं। इसका परिणाम भारतीय स्तर पर विखण्डन के रूप में भी देखने को मिलता है। इस परिणाम के तहत भाषा व संस्कृति के आधार पर विभिन्न प्रान्तों का निर्माण भी सम्भव हो गया। यदि यही विखण्डित समाज भारतीय संस्कृति के मूल से जोड़कर अपने को देखता होता तो भाषायी एकता भी बनती और क्षेत्रवाद का काला धुंआ, जो भारतीय आकाश पर मण्डरा रहा है, उसके उत्पत्ति ही सम्भव नहीं हो पाती। इस संदर्भ में भारतीयता व उसके समीप उपजे साहित्य को सीमाओं में जांचना जरूरी है। इसकी प्रकृति की खोज और इसके परिणामों की व्याख्या भारतीय साहित्य व भारतीयता के संदर्भ में खोजने होंगे।
भारतीयता के संदर्भ में साहित्य और समाज के संबंधों को समझना आवश्यक है। साहित्य का जन्म समाज में ही सम्भव हो सकता है, इसलिए मानवीय संवेदनाओं को हम उनकी अभिव्यक्ति के माध्यम से समझ सकते हैं। यह अभिव्यक्ति समाज और काल में अलग-अलग रूपों में प्रकट हुई है। यदि हम पाषाण काल के खण्डों और उसके वन में ही रहने वालों की स्थिति को देखें, तो उनके विचार शब्दों में नहीं बल्कि रेखाचित्रों में देखने को मिलते हैं। कई गुफाओं में इन समाजों की अभिव्यक्ति को पत्थर पर खुदे निशानों में देख सकते हैं। इन रूपों में उनके जन-जीवन में घटने वाली घटनाओं को प्रदर्शित करते नजर आते हैं। उनमें शिकार करते आदिमानव को देख सकते हैं जो जीवन यापन के साधन हों। उन चित्रों में हल चलाने वाले किसानों की अभिव्यक्ति नहीं मिलती। इससे इस बात की पुष्टि होती है कि वह समाज वनाचरण व्यवस्था में ही सिमटी या उनका जीवन यापन शिकार पर ही केन्द्रित या सभ्यता के विकास की गाथा उसके जीवन में नहीं गाई जा रही थी। लेकिन समय की पहली धारा में जो प्रभाव देखे जाते है, वह सभ्यता के रूप में गिरे पड़े टूटे-फूटे प्राप्त ऐतिहासिक खोज में देख सकते हैं।
Question 90 (5 of 9 Based on Passage)
Question MCQ▾
साहित्य का जन्म किससे सम्भव है?
Choices
Choice (4) | Response | |
---|---|---|
a. | समाज | |
b. | व्यक्ति | |
c. | विज्ञान | |
d. | None of the above |
Question 91 (6 of 9 Based on Passage)
Question MCQ▾
भारतीय अपनी पहचान के व्याख्यान के लिए क्या करता है?
Choices
Choice (4) | Response | |
---|---|---|
a. | अपने समाज की अवहेलना करता है | |
b. | साहित्य को स्वयं से जोड़कर देखता है | |
c. | अपनी संस्कृति की अवहेलना करता है | |
d. | All of the above |
Question 92 (7 of 9 Based on Passage)
Question MCQ▾
‘भारतीयता’ शब्द के संबंध में निम्नलिखित में से कौनसा कथन सत्य है?
Choices
Choice (4) | Response | |
---|---|---|
a. | यह संज्ञा से बना विशेषण है | |
b. | यह विशेषण से बनी संज्ञा है | |
c. | यह क्रिया से बनी संज्ञा है | |
d. | यह संज्ञा से बनी संज्ञा है |
Question 93 (8 of 9 Based on Passage)
Question MCQ▾
‘रेखाचित्र’ में कौनसा समास है?
Choices
Choice (4) | Response | |
---|---|---|
a. | कर्मधारय | |
b. | अव्ययीभाव | |
c. | दव्न्दव् | |
d. | तत्पुरूष |
Question 94 (9 of 9 Based on Passage)
Passage
संसार के सभी देशों में शिक्षित व्यक्ति की सबसे पहली पहचान यह होती है कि वह अपनी मातृभाषा में दक्षता से काम कर सकता है। केवल भारत ही एक ऐसा देश है, जिसमें शिक्षित व्यक्ति वह समझा जाताहै जो अपनी मातृभाषा में दक्ष हो या न हो किन्तु अंग्रेजी में जिसकी दक्षता असंदिग्ध हो। संसार के अन्य देशों में सुसंस्कृत व्यक्ति वह समझा जाता है कि जिसके घर में अपनी भाषा की पुस्तकों का संग्रह हो और जिसे बराबर यह पता रहे कि उसकी भाषा के अच्छे लेकख और कवि कौन हैं? तथा समय-समय पर उनकी कौनसी कृतियाँ प्रकाशित हो रही हैं? भारत में स्थिति दूसरी है। यहाँ घर में प्राय: साज-सज्जा के आधुनिक उपकरण तो होते हैं किन्तु अपनी भाषा की कोई पुस्तक नहीं होती है। यह दुर्वस्था भले ही किसी ऐतिहासिक प्रक्रिया का परिणाम है, किन्तु वह सुदशा नहीं है दुर्वस्था ही है। इस दृष्टि से भारतीय भाषाओं के लेखक केवल यूरोपीय और अमेरिकी लेखकों से ही हीन नहीं है बल्कि उनकी किस्मत चीन, जापान के लेखकों की किस्तम से भी खराब है क्योंकि इन सभी लेखकों की कृतियाँ वहाँ के अत्यन्त सुशिक्षित लोग भी पढ़ते हैं। केवल हम ही नहीं है जिनकी पुस्तकों पर यहाँ के तथाकथित शिक्षित समुदाय की दृष्टि प्राय: नहीं पड़ती। हमारा तथाकथित उच्च शिक्षित समुदाय जो कुछ पढ़ना चाहता है, उसे अंग्रेजी में ही पढ़ लेता है यहाँ तक उसकी कविता और उपन्यास पढ़ने की तृष्णा भी अंग्रेजी की कविता और उपन्यास पढ़कर ही समाप्त हो जाती है और उसे यह जानने की इच्छा नहीं होती कि शरीर से वह जिस समाज का सदस्य है, उसके मनोभाव उपन्यास और काव्य में किस अदा से व्यक्त हो रहे हैं।
Question 95 (1 of 9 Based on Passage)
Question MCQ▾
भारत में शिक्षित व्यक्ति की क्या पहचान है?
Choices
Choice (4) | Response | |
---|---|---|
a. | पूर्ण रूप से शिक्षित | |
b. | अनेक भाषाओं का ज्ञाता | |
c. | अपनी मातृभाषा में दक्ष | |
d. | अंग्रेजी में निपुण |
Question 96 (2 of 9 Based on Passage)
Question MCQ▾
भारतीय भाषाओं के साहित्य के प्रति समाज के किस वर्ग में अरूचि की भावना है?
Choices
Choice (4) | Response | |
---|---|---|
a. | अशिक्षित वर्ग | |
b. | अत्यन्त सुशिक्षित वर्ग | |
c. | धनी वर्ग | |
d. | कमजोर वर्ग |
Question 97 (3 of 9 Based on Passage)
Question MCQ▾
इस गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक निम्नलिखित में से क्या हो सकता है?
Choices
Choice (4) | Response | |
---|---|---|
a. | शिक्षित मनुष्य का महत्व | |
b. | मातृभाषा का महत्व | |
c. | शिक्षित समुदाय | |
d. | भाषा का ज्ञान |