Reading Comprehension [CTET (Central Teacher Eligibility Test) Paper-I Hindi]: Questions 67 - 73 of 986

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Passage

उपयुक्त उस खल को न यद्यपि मृत्यु का भी दण्ड है,

पर मृत्यु से बढ़कर न जग में दण्ड और प्रचण्ड है।

अतएव कल उस नीच को रण-मध्य जो मारूँ न मैं,

तो सत्य कहता हूँ कभी शस्त्रास्त्र फिर धारूँ न मैं।

अथवा अधिक कहना वृधा हैं, पार्थ का प्रण है यही,

साक्षी रहे सुन ये बचन रवि, शशि, अनल, अम्बर, मही।

सूर्यास्त से पहले न जो मैं कल जयद्रथ-वधकरूँ,

तो शपथ करता हूँ स्वयं मैं ही अनल में जल मरूँ।

Question 67 (2 of 6 Based on Passage)

Question MCQ▾

संसार में सबसे बड़ा दण्ड है

Choices

Choice (4)Response

a.

मृत्युदण्ड

b.

अर्थदण्ड

c.

अग्निदण्ड

d.

None of the above

Edit

Question 68 (3 of 6 Based on Passage)

Question MCQ▾

‘वृथा’ का समानार्थक है

Choices

Choice (4)Response

a.

प्रण

b.

पाप

c.

व्यर्थ

d.

उचित

Edit

Question 69 (4 of 6 Based on Passage)

Question MCQ▾

पार्थ की क्या प्रतिज्ञा है?

Choices

Choice (4)Response

a.

अस्त्र-शस्त्र धारण न करने की

b.

दुष्ट को मारने की

c.

आग में जलकर मरने की

d.

जयद्रथ वध करने की

Edit

Question 70 (5 of 6 Based on Passage)

Question MCQ▾

रवि, शशि, अनल, अम्बर एवं मही के पर्यायवाची क्रमश: हैं

Choices

Choice (4)Response

a.

सूर्य, रात्रि, अग्नि, आकाश, पाताल

b.

सूर्य , अग्नि , रात्रि, आकाश, पाताल

c.

सूर्य, चन्द्रमा, अग्नि, आकाश, पृथ्वी

d.

सूर्य, चन्द्रमा, वायु, आकाश, पाताल

Edit

Question 71 (6 of 6 Based on Passage)

Question MCQ▾

कवि के अनुसार नीच को युद्ध क्षेत्र के मध्य न मारने पर पार्थ क्या शपथ लेता है? v

Choices

Choice (4)Response

a.

जल में मरने की

b.

अस्त्र-शस्त्र धारण न करने की

c.

मृत्युदण्ड की

d.

Question does not provide sufficient data or is vague

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Passage

′ बिस्मिल्ला खॉ हिन्दू और मुसलमानों की मिली-जुली संस्कृति के प्रतिक थे। एक ओर जहाँ वे सच्चे मुसलमान थे। पाँचों समय की नमाज श्रद्धा के साथ अदा करते थे। दूसरी ओर वे काशी, विश्वनाथ और बाजाली के मंदिर में शहनाई बजाते थे। गंगा के प्रति सच्ची श्रद्धा रखते थे। काशी से बाहर रहते हुए भी बालाजी के मंदिर की ओर मुँह करके प्रणाम किया करते थे। इसलिए वे मिली-जुली संस्कृति के प्रतिक थे।

उन्होंने खुदा से हमेशा ही सुर मांगा। यद्यपि वे जीवन में फटेहाल रहे, लेकिन उन्होंने खुदा से अपने लिए धन नहीं मांगा। ऊँचे-ऊँचे पुरस्कार पाकर भी वे अपने जीवन में सरल ही बने रहे।

Question 72 (1 of 3 Based on Passage)

Question MCQ▾

बिस्मिल्ला खॉ कौनसे मंदिर में शहनाई बजाते थे?

Choices

Choice (4)Response

a.

जैन मंदिर

b.

काशी, विश्वनाथ और बालाजी मंदिर

c.

शिव मंदिर

d.

गुरूदव्ार में

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Question 73 (2 of 3 Based on Passage)

Question MCQ▾

बिस्मिल्ला खॉ नमाज के उपरान्त (बाद) सजदे (प्रार्थना) में खुदा से क्या मांगते थे?

Choices

Choice (4)Response

a.

स्वर, सुर

b.

कपड़े

c.

धन

d.

मोती

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