कृतिका (Kritika-Textbook) [CBSE (Central Board of Secondary Education) Class-10 (Term 1 & 2 MCQ) Hindi]: Questions 1 - 15 of 461

Choose Programs:

🎯 2202 Long Answer, 93 MCQs (& PYQs) with Full Explanations (2024-2025 Exam)

Rs. 1650.00 -OR-

3 Year Validity (Multiple Devices)

CoverageDetailsSample Explanation

Help me Choose & Register (Watch Video) Already Subscribed?

Passage

पूजा-पाठ कर चुकने के बाद वह राम-राम लिखने लगते। अपनी एक ‘रामनामा बही’ पर हज़ार राम-नाम लिखकर वह उसे पाठ करने की पोथी के साथ बाँधकर रख देते। फिर पाँच सौ बार कागज़ के छोटे-छोटे टुकड़ों पर राम-नाम लिखकर आटे की गोलियों में लपेटते और उन गोलियों को लेकर गंगा जी की ओर चल पड़ते थे।

Question 1 (1 of 4 Based on Passage)

Write in Short Short Answer▾

कागज के छोटे-छोटे टुकड़ों पर पिताजी क्या लिखते थे?

Edit

Question 2 (2 of 4 Based on Passage)

Write in Short Short Answer▾

बाबू जी अपने ‘रामनामा बही’ में कितने बार कागज़ पर राम-नाम लिखते थे?

Edit

Question 3 (3 of 4 Based on Passage)

Write in Short Short Answer▾

बाबू जी राम-नाम लिखकर किसमें लपटते थें?

Edit

Question 4 (4 of 4 Based on Passage)

Write in Short Short Answer▾

बाबू जी उन गोलियों को लेकर कहाँ जाते थे?

Edit

Passage

जब बाबू जी रामायण का पाठ करते तब हम उनकी बगल में बैठे-बैठे आइने में अपना मुँह निहारा करते थे। जब वह हमारी ओर देखते तब हम कुछ लजाकर और मुसकराकर आइना नीचे रख देते थे। वह भी मुसकरा पड़ते थे।

Question 5 (1 of 2 Based on Passage)

Write in Short Short Answer▾

बाबू जी के रामायण पाठ करने में बच्चे क्या करते थे?

Edit

Question 6 (2 of 2 Based on Passage)

Write in Short Short Answer▾

बाबू जी के बच्चे की तरफ देखने पर बच्चे ने क्या किया?

Edit

Passage

उस समय भी हम उनके कंधे पर विराजमान रहते थे। जब वह गंगा में एक-एक आटे की गोलियाँ फेंककर मछलियों को खिलाने लगते तब भी हम उनके कंधे पर ही बैठे-बैठे हँसा करते थे। जब वह मछलियों को चारा देकर घर की लौटने लगते तब बीच रास्ते में झुके हुए पेड़ों की डालों पर हमें बिठाकर झुला झुलाते थे।

Question 7 (1 of 3 Based on Passage)

Write in Short Short Answer▾

गंगा जी जाते समय बाबू जी के कंधे में कौन विराजमान थे?

Edit

Question 8 (2 of 3 Based on Passage)

Write in Short Short Answer▾

पिता जी राम-नाम की आटे की गोलियां बनाकर कहाँं व किसे खिलाते थे?

Edit

Question 9 (3 of 3 Based on Passage)

Write in Short Short Answer▾

पिता जी बच्चें को झुला कैसे झुलाते थें?

Edit

Passage

कभी-कभी बाबू जी हमसे कुश्ती भी लड़ते। वह शिथल होकर हमारे बल को बढ़ावा देते और हम उनको पछ़ाड़ देते थे। यह उतान (पीठ के बल लेटना) पड़ जाते और हम उनकी छाती पर चढ़ जाते थे। जब हम उनकी लंबी-लंबी मूँछें उखाड़ने लगते तब वह हँसते-हँसते हमारे हाथों को मूँछों से छुड़ाकर उन्हें चूम लेते थे। फिर जब हमसे खट्टा और मीठा चुम्मा माँगते तब हम बारी-बारी कर अपना बायाँ और दाहिना गाल उनके मुँह की ओर फेर देते थे। बाएँ का खट्टा चुम्मा लेकर जब वह दाहिने का मीठा चुम्मा लेने लगते तब अपनी दाढ़ी या मूँछ हमारे कोमल गालों पर गड़ा देते थे। हम झुँझलाकर फिर उनकी मूँछे नोचने लग जाते थे। इस पर वह बनावटी रोना रोने लगते और अलग खड़े-खड़े खिल-खिलाकर हँसने लग जाते थे।

Question 10 (1 of 3 Based on Passage)

Write in Short Short Answer▾

बच्चों से कुश्ती कौन लड़ते थे?

Edit

Question 11 (2 of 3 Based on Passage)

Write in Short Short Answer▾

खट्टा और मीठा चुम्मा क्या होता है?

Edit

Question 12 (3 of 3 Based on Passage)

Write in Brief One Liner▾

उतान क्या हैं?

Edit

Passage

पिता जी हमें बड़े प्यार से ′ भोलानाथ ′ कहकर पुकारा करते। पर असल में हमारा नाम था ′ तारकेश्वरनाथ ′ । हम भी उनको ′ बाबू जी ′ कहकर पुकारा करते और माता को ′ मइयाँ।

Question 13 (1 of 3 Based on Passage)

Write in Short Short Answer▾

बच्चा माता पिता को क्या कह कर बुलाता था?

Edit

Question 14 (2 of 3 Based on Passage)

Write in Short Short Answer▾

भोलानाथ का असली नाम क्या था?

Edit

Question 15 (3 of 3 Based on Passage)

Write in Short Short Answer▾

बाबूजी प्यार से तारकेश्वरनाथ को क्या कह कर बुलाते थे?

Edit