CBSE (Central Board of Secondary Education) Class-10 (Term 1 & 2 MCQ) Hindi: Questions 1413 - 1424 of 2295
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Question 1413
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हिन्दी साहित्य के अनेकानेक भक्त कवियों में किसका स्थान सर्वोपरी हैं?
EditPassage
पद
(1)
ऊधौ, तुम हौ अति बड़भागी।
अपरस रहत सनेह तगा तैं, नाहिन मन अनुरागी।
पुरइनि पात रहत जल भीतर, ता रस देह न दागी।
ज्यौं जल माहं तेल की गागरि, बूंद न ताकौं लागी।
प्रीति-नदी मैं पाउं न बोरयौ, दृष्टि न रूप परागी।
‘सूरदास’ अबला हम भोरी, गुर चाँटी ज्यौं पागी।।
Question 1414 (1 of 4 Based on Passage)
Explanation
सूरदास दव्ारा रचित उपर्युक्त पद के सूरसागर में से ‘उद्धव संदेश’ नामक खण्ड हैं।
क्योंकि-जब कोई भक्त कवि अपने पद लिखते है तो उसमें वे अलग-अलग खंड बनातें है ताकि किसी को पढ़ने में दिकक्त न हो।
प्रसंग- प्रस्तुत पद कवि सूरदास द्वारा रचित ‘सूरसागर’ में ‘उद्धव संदेश’ खण्ड के ‘भ्रमरगीत’ नामक उपखण्ड से लिया गया हैं। प्रस्तुत पद में गोपियों ने उद्धव के मन में …
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Question 1415 (2 of 4 Based on Passage)
Describe in Detail Subjective▾
सूरदास दव्ारा रचित उपर्युक्त पद में ‘उद्धव संदेश’ नामक खण्ड में से उपखण्ड किससे अवतरित हैं?
EditExplanation
सूरदास दव्ारा रचित उपर्युक्त पद में ‘उद्धव संदेश’ नामक खण्ड में से उपखण्ड ‘भ्रमरगीत’ नामक उपखण्ड से अवतरित हैं।
क्योंकि- जब कोई भक्त कवि अपने पदों के खंड करके वर्णन करता है तो उस खंड का नाम अवश्य रखता हैं।
प्रसंग- प्रस्तुत पद कवि सूरदास द्वारा रचित ‘सूरसागर’ में ‘उद्धव संदेश’ खण्ड के ‘भ्रमरगीत’ नामक उपखण्ड से लिया गया हैं। प्रस्तुत पद में गोपियों ने …
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Question 1416 (3 of 4 Based on Passage)
Explanation
प्रस्तुत पद में गोपियाँ उद्धव के प्रेम का मजाक उड़ाती है कि वे कृष्ण के पास रहकर भी उनके प्रेम से दूर हैं। क्योंकि उद्धव तो हमेशा ही कृष्ण के पास रहते है फिर भी वे कृष्ण के आकर्षण के प्रेम में नहीं पड़ सके। अर्थात प्रेम रूपी सागर के पास रहते हुए भी उद्धव प्रेम से दूर रहे इसलिए गोपियों के अनुसार उद्धव प्रेम के प्रति अभागे रहे अर्थात उद्धव कृष्ण के प…
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Question 1417 (4 of 4 Based on Passage)
Describe in Detail Subjective▾
सूरदास जी के दव्ारा रचित प्रस्तुत पद के शिल्प-सौंदर्य कौन-कौन से हैं?
EditExplanation
उपर्युक्त पद के अनुसार सूरदास जी के दव्ारा रचित शिल्प-सौंदर्य में कवि ने विभिन्न प्रकार के अलंकार का प्रयोग कर अपने शिल्प-सौंदर्य में एक जान डाल दी है इसके अलावा भाषा, गायक, संगीत व भाव का सुंदर समावेश कर उपरोक्त शिल्प-सौंदर्य को ओर अधिक सुंदर बना दिया है।
क्योंकि-ताकि कवि सूरदास दव्ारा रचित प्रस्तुत के शिल्प-सौंदर्य में ओर अधिक निखार आ सके।
प्रसंग- …
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Question 1418
Question 1419
Write in Short Short Answer▾
कवि ऋतुराज जी को कौन-कौन से विशिष्ट पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है?
EditQuestion 1420
Write in Short Short Answer▾
तुलसीदास जी नेे अपनी रचनाओं में किन भाषाओं के भी प्रचलित शब्दों को अपनाया है।
EditQuestion 1421
Question 1422
Passage
(4)
कौसिक सुनहु मंद येहु बालकु। कुटिलु कालबस निज कुल घालकु।।
भानुबंस राकेस कलंकू। निपट निरंकुसु अबुधु असंकू।।
कालकवलु होइहि छन माहीं। कहौं पुकारि खोरि माहि नाहीं।।
तुम्ह हटकहु जौ चहहु उबारा। कहि प्रतापु बलु रोषु हमारा।।
लखन कहेउ मुनि सुजसु तुम्हारा। तुम्हहि अछत को बरनै पारा।।
अपने मुहु तुम्ह आपनि करनी। बार अनेक भाँति बहु बरनी।।
नहि संतोषु त पुनि कछु कहहु। जनि रिस रोकि दुसह दुख सहहु।।
बीरब्रती तुम्ह धीर अछोभा। गारी देत न पावहु सोभा।।
सूर समर करनी करहिं कहि न जनावहिं आपु।
बिद्यमान रन पाइ रिपु कायर कथहिं प्रतापु।।
Question 1423 (1 of 5 Based on Passage)
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तुलसीदास जी दव्ारा रचित प्रस्तुत प्रसंग में किस बात का वर्णन किया है?
EditExplanation
तुलसीदास जी दव्ारा रचित प्रसंग में कवि ने श्री राम के माध्यम से शिवजी का धनुष तोड़े जाने और अत्यधिक गुस्से की अवस्था में परशुरामजी के स्वयंवर के उत्सव में आने के बाद परशुराम और लक्ष्मण के संवाद का वर्णन किया है।
क्योंकि-वह शिव जी का धनुष होने के कारण परशुराम जी के लिए अमूल्य धनुष था। अर्थात परशुराम जी का प्रिय धनुष था।
प्रसंग-तुलसीदास जी दव्ारा रचित …
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Question 1424 (2 of 5 Based on Passage)
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तुलसीदास जी दव्ारा रचित प्रस्तुत प्रसंग में परशुराम जी विश्वामित्र जी को संबोधित करते हुए क्या कहते हैं?
EditExplanation
हे विश्वामित्र! सुनो, यह बच्चा बड़ा ही बुदव्हीन अर्थात मंदबुद्धि है। यह नालायक है समय के वशिभूत होकर अपने खानदान का खतरा बन रहा हैं यह सूर्यवंश रूपी चंद्र के लिए कलंक अर्थात दाग है। यह बहुत ही जिद्दी, शैतान, मूर्ख और निडर है। यह अभी एकपल में ही काल का निवाला बन जाएगा। मैं जोर दे कर कह रहा हूँ, बाद में मेरी कोई गलती मत कहना कि मेनें कोई चेतावनी नहीं…
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